नई दिल्ली (IDS) पंडित जवाहर लाल नेहरू की 125 जयंती के उपलक्ष्य में जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने 'जवाहर लाल नेहरू और आधुनिक भारत का निर्माण' विषय पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत आज जो कुछ भी है जवाहरलाल नेहरू की परिकल्पना और राष्ट्र के प्रति उनके सम्पूर्ण समर्पण का परिणाम है। भारत के लिए नेहरू की सेवाएं अथाह हैं। उन्होंने कहा कि वह हमारे समय के सबसे महान व्यक्तित्वों में से एक थे। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत को कैसा दिखना चाहिए इस बारे में नेहरू की एक स्पष्ट दृष्टि थी और उन्होंने मजबूत स्तंभों की स्थापना से अपने सपनो को साकार किया। नेहरू की यही सोच युवा राष्ट्र का समर्थन करेगी। यदि भारत आज एक जीवंत लोकतंत्र है, तो इसकी वजह नेहरू द्वारा रखी गई मजबूत नींव है। यदि भारत क्रय शक्ति समानता के मामले में दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, तो इसके पीछे नेहरू के द्वारा स्थापित की गई बहुउद्देश्यीय परियोजनाएं, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और व्यवस्थित योजना प्रक्रिया के साथ- साथ उच्च शिक्षा के संस्थान शामिल है । अगर भारत को आज दुनिया के तकनीकी रूप से उन्नत देशों के बीच गिना जाता है, तो इसकी वजह यह है कि नेहरू ने वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देते हुए देश भर में वैज्ञानिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं की श्रृंखलाओं का निर्माण किया। राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम जिस उभरती हुई अर्थव्यवस्था के दौर में है उसे यहाँ तक लाने में नेहरू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि नेहरू का जीवन और दर्शन, उनका संघर्ष और उनकी उपलब्धियां महाकाव्य से कम नहीं थे। लेकिन हमारे लिए उनकी सबसे कीमती विरासत लोगों की संप्रभुता में निहित राजनीति के प्रति उनकी गहरी लोकतांत्रिक भावना है। राष्ट्रपति ने कहा कि अभी हाल ही में हुए 16 वीं लोक सभा के चुनावों में जिस तरह से हमारे 834 मिलियन के 66.4 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया वह नेहरू के ही प्रयासों की पुष्टि करते है।
राष्ट्रपति ने कहा कि नेहरू का जीवन और दर्शन, उनका संघर्ष और उनकी उपलब्धियां महाकाव्य से कम नहीं थे। लेकिन हमारे लिए उनकी सबसे कीमती विरासत लोगों की संप्रभुता में निहित राजनीति के प्रति उनकी गहरी लोकतांत्रिक भावना है। राष्ट्रपति ने कहा कि अभी हाल ही में हुए 16 वीं लोक सभा के चुनावों में जिस तरह से हमारे 834 मिलियन के 66.4 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया वह नेहरू के ही प्रयासों की पुष्टि करते है।
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