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दल एवं उम्मीदवार को विज्ञापन को प्रकाशित एवं प्रसारित करने के पूर्व लेनी होगी अनुमति

शिवपुरी (IDS-PRO) म.प्र. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार स्थानीय निकायो के निर्वाचन के दौरान प्रिंट मीडिया/इलेक्ट्रोनिक मीडिया/सोशल मीडिया के संभावित दुरूपयोग पर नियंत्रण करने तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिला कलेक्टर श्री राजीव दुबे की अध्यक्षता में जिलास्तरीय एमसीएमसी कमेटी (मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड माॅनीटरिंग कमेटी) गठित की गई है। जिलास्तरीय एमसीएमसी पेड न्यूज के नियंत्रण के लिए बडी सुक्ष्मता से कार्यवाही करेगी। यदि कोई राजनैतिक दल या अभ्यार्थी किसी भी प्रकार का विज्ञापन टीवी, केबल नेटवर्क, सिनेमा हाल, रेडियो पर प्रकाशित या प्रसारित करना चाहता है तो उसे इसकी अनुमति प्राप्त करने के लिए निर्धारित प्रारूप में जिलास्तरीय एमसीएमसी को आवेदन करना होगा। समिति द्वारा अनुमोदित विज्ञापन का ही प्रकाशन अथवा प्रसारण हो सकेगा। पंजीकृत राजनैतिक दल एवं अथ्यर्थी को प्रस्तावित प्रकाशन/प्रसारण के दिनांक सेे 3 दिवस पूर्व तथा अपंजीकृत राजनैतिक दल एवं अन्य आवेदक को 7 दिवस पूर्व आवेदन करना होगा। समिति द्वारा ऐसे आवेदन पत्र का निराकरण 2 कार्य दिवसों में किया जायेगा।

पेड न्यूज की शिकायतों की जांच के बारे में प्राप्त ऐसी किसी शिकायत की जांच तत्परतापूर्वक की जायेगी। शिकायत सही मिलने पर प्रतिवेदन संबंधित रिटर्निग आफिसर को भेजा जायेगा, जो संबंधित उम्मीदवार को नोटिस भेजेगा कि इसमें हुए वास्तविक व्यय की राशि स्पष्ट करे कि इसे उसके निर्वाचन व्यय में क्यों न शामिल किया जाये। विकल्प के रूप में डीआईपीआर/डीएवीपी की दर के आधार पर व्यय की राशि की गणना कर उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय में शामिल की जायेगी तथा कारण बताओं नोटिस की प्रति राज्य निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक को भी दी जायेगी। अभ्यर्थी को अगले 48 घन्टे में जवाब देना होगा अन्यथा उसके विरूद्व एक तरफा कार्यवाही की जायेगी। उसे सुनने के बाद ही एमसीएमसी अंतिम निर्णय लेगी।

अभ्यर्थी द्वारा निर्धारित अवधि में जवाब नही देने पर उसके विरूद्व एकतरफा कार्रवाई की जायेगी। विविध प्रकार के मीडिया पर प्रकाशित/प्रसारण की एमसीएमसी द्वारा स्क्रैन की जाकर जांच की जायेगी एवं यह निर्णय लिया जायेगा की उक्त समाचार को पेड न्यूज/प्रसारण की श्रैणी में रखा जाये या नही।

इलेक्ट्रोनिक एवं प्रिंट मीडिया में प्रसारित/प्रकाशित राजनैतिक विज्ञापनों की जिलास्तरीय एमसीएमसी द्वारा सतत निगरानी यह देखने के लिए की जायेगी की उनका पूर्व प्रमाणीकरण कराया गया हैं या नही और यह भी कि जो प्रकाशन/प्रसारण हो रहा है वह पूर्व प्रमाणिकृत एवं अनुमोदित प्रारूप के अनुसार है या नही। इसका उल्लंघन होने पर जिलास्तरीय एमसीएमसी की रिपोर्ट पर संबंधित रिटर्निग अधिकारी द्वारा राजनैतिक दल/अभ्यर्थी को कारण बताओं नोटिस दिया जायेगा एवं तदानुसार आगामी कार्यवाही की जायेगी।

अभ्यर्थी से भिन्न किसी व्यक्ति द्वारा कराये गये विज्ञापन के संबंध में यह देखा जायेगा कि ऐसा प्रकाशन/प्रसारण अभ्यर्थी की पूर्व अनुमति से हुआ है।

यदि हां तो इसमें हुये व्यय को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल किया जायेगा। अन्यथा ऐसे भिन्न व्यक्ति के विरूद्व भारतीय दण्ड की धारा 171 एच के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। जिला स्तरीय एमसीएमसी की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्यवाही संबंधित रिटर्निग आफिसर करेगा। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 एस के प्रावधानों के अनुसार दण्डित किया जायेगा।

विज्ञापन पर्चे, पोस्टर व पुस्तिका पर प्रकाशक और मुद्रक का नाम आवश्यक 
राजनैतिक दल या अभ्यर्थी द्वारा प्रकाशित प्रचार सामग्री का भी जिलास्तरीय एमसीएमसी द्वारा निरीक्षण कर यह देखा जायेगा कि इस पर प्रकाशक एवं मुद्रक के नाम एवं पते अंकित है या नही।  ऐसा न होने पर जिलास्तरीय एमसीएमसी द्वारा संबंधित रिटर्निग आफिसर को रिपोर्ट भेजी जायेगी जो म.प्र. स्थानीय प्राधिकारी (निर्वाचन अपराध) अधिनियम 1964 की धारा 14 क के अंतर्गत समुचित कार्यवाही करेंगे। धारा 14 (क) के मुख्य प्रावधान अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी ऐसी निर्वाचन पुस्तक या पोस्टर, जिसके मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रक व प्रकाशक के नाम व पते न हो, दोनो में से किसी भी दशा में मुद्रित या प्रकाशित नही करेगा और न ही मुद्रित या प्रकाशित करायेगा।

इसी प्रकार जो व्यक्ति इसकी उपधारा एक या दो के उपबंधों में से किसी का भी उल्लंघन करेगा वह कारावास से जो 6 माह का हो सकेगा या जुर्माने से जो 2 हजार रूपये तक का हो सकेगा या दोनो से ही दण्डनीय होगा।

नोटिस की प्रक्रिया 
संदिग्ध पेड न्यूज के मामले में जिलास्तरीय एमसीएमसी से संदर्भ मिलने पर संबंधित रिटर्निग आफिसर सबंधित प्रकाशन/प्रसारण के 96 घन्टे के भीतर संबंधित अभ्यर्थी को नोटिस देकर इसमें हुए वास्तविक व्यय की राशि स्पष्ट करे कि इसे उसके निर्वाचन व्यय में क्यों न शामिल किया जाये। अथवा संभावित मानकदर से क्यों न किया जाये यह स्पष्ट करने को कहेगा। अभ्यर्थी के उत्तर पर जिलास्तरीय एमसीएमसी अतिशीघ्र निर्णय लेगी। यदि 48 घन्टे के अंदर उत्तर प्राप्त नही होता है तो जिलास्तरीय एमसीएमसी एक तरफा निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगी।

जिलास्तरीय एमसीएमसी के निर्णय से असंतुष्ट रहने पर अभ्यर्थी निर्णय प्राप्त होने के 48 घन्टे के भीतर राज्यस्तरीय एमसीएमसी के समक्ष अपील कर सकेगा। अभ्यर्थी को इसकी सूचना जिलास्तरीय एमसीएमसी को अनिवार्य रूप से देनी होगी। राज्यस्तरीय एमसीएमसी अपील प्राप्त होने के 96 घन्टे के भीतर उसका निराकरण करेगी, एवं अभ्यर्थी तथा जिलास्तरीय एमसीएमसी को निर्णय से अवगत करायेगी। अभ्यर्थी राज्य स्तरीय समिति को अपील कर सकेगा।

एमसीएमसी के निर्णय के विरूद्व आदेश मिलने के 48 घन्टे के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग को अपील कर सकता है। राज्य निर्वाच्न आयोग का निर्णय अंतिम रहेगा। यह संपूर्ण प्रक्रिया निर्वाचन अवधि के भीतर ही पूर्ण हो जाना चाहिये। यदि ऐसा नही होता है तो पेड न्यूज के प्रकरण के लंबित रहने तक अभ्यर्थी का व्यय लेखा भी मान्य नही किया जायेगा। संदिग्ध पेड न्यूज के मामले में वास्तविक अथवा कल्पित परिगणित व्यय संबंधित अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल किये जायेगें एवं इसकी सूचना उसे ही दी जायेगी।
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